छात्रावास :
वर्तमान में महाविद्यालय में १०० छात्राओं के निवास की सुविधा उपलब्ध है। छात्रावास में ६० छात्रायें निवास कर रही है। इस छात्रावास में छात्राओं को कमरा, खाट, टेबल, कुर्सी, अलमारी, बिस्तर, तकिया, थाली, कटोरी, व गिलास संस्था द्वारा प्रत्येक छात्रा को नि:शुलक दिये गये। जिनका अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
वर्तमान में छात्रावास में निवास करने वाली छात्राओं से दोनों समय भोजन, चाय, नाश्ता व उपरोक्त सुविधायें प्रदान करने हेतु रूपया १२०००/- वार्षिक शुल्क लिया जाता है। इस छात्रावास में छात्राओं के भोजन करने हेतु सुसज्जित भोजनशाला की व्यवस्था है, जिसमें ५० छात्रायें एक साथ भोजन कर सकती है।
प्राप्त सूचना के आधार पर इस महाविद्यालय का छात्रावास शुल्क राजस्थान में शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों द्वारा संचालित छात्रावासों में सबसे कम शुल्क है और सुविधाएं सन्तोषजनक है।
संस्था का मुख्य उद्देश्य रियायत दरों पर छात्राओं को अधिक से अधिक सुविधायें प्रदान करना है।
छात्रा की कलम से
मैं जे.आर.शर्मा कन्या शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, झाडोल में अध्ययनरत छात्रा एकता व्यास महाविद्यालय के बारे में अपने विचारों की अभिव्यक्ति करना चाहती हँू जो मैनें सत्र २००७-०८ में अनुभव किये।
मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हँू जो कि मुझे प्रशिक्षण हेतु यह महाविद्यालय प्राप्त हुआ। यह ख्याति प्राप्त महाविद्यालय प्राकृतिक दृष्टि से बहुत ही अच्छे स्थान पर स्थित है। यहाँ के संस्थापक श्री जीवतरामजी शर्मा के व्यक्तित्व से हम बहुत ही प्रभावित हुए, उन्होंने बहुत ही संघर्ष करके इस राजस्थान बाल कल्याण समिति की सभी शाखाओं को बुलन्दी के शिखर पर पंहुचाया है। उनके इस कार्य में उनके पुत्र श्री गिरजाशंकरजी शर्मा, जो कि संस्था के सचिव है, उनके सपनों को पूरा करने में तत्पर है। राजस्थान बाल कल्याण समिति में अनाथ बच्चों के लिए अनाथाश्रम तथा आदिवासी बच्चों के छात्रावास व भोजन की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है। जिससे हम बहुत ही प्रभावित हुए। यह कार्य कोई कर्मठ व दयालु व्यक्ति ही कर सकता है।
यहां पर बी.एड़. की छात्राओं के लिए भी छात्रावास उपलब्ध है, जिसमें उचित शुल्क राशि पर ही सभी सुविधाएँ प्रदान की जाती है। हमें यहाँ पर रहकर बहुत ही प्रसन्नता मिली, क्योंकि यहाँ हमें घर जैसा ही वातावरण मिला। यहाँ के व्यवस्थापकजी सर, वार्डन मेडम तथा बी.एड. स्टाफ भी बहुत अच्छा है। वे हमारा पूरा ख्याल रखते हैं। हम बी.एड. स्टाफ के अध्यापन कार्य तथा व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हुए। वे हमारी सभी समस्याओं का निराकरण प्रेमपूर्वक करते हैं। अन्त में मैं भगवान से यहीं प्रार्थना करती हूं कि राजस्थान बाल कल्याण समिति को इसी प्रकार सफलताएँ प्राप्त होती रहे। |
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